Hindi shayri




मोहब्बत के रंग में रंगे हुए हम, जुदाई के गीत में गाए हुए हम। कहीं ना कहीं तो मिलेगी मंजिल अपनी, धूल बन कर उड़े छटा लिए हुए हम।

जीने की आस में जी रहे हैं हम, उम्मीदों के पहाड़ पर चढ़े हुए हम। आँखों में सपनों की चमक बुझी हुई, हाथों की रोशनी में खोए हुए हम।

आज भी हमें उम्मीद है खुदा से, कहीं न कहीं वो तो होगा पास हमारे। तब तक खोजते रहेंगे हम उसे, ख़ुद को खोकर पाएंगे प्यार हम

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